स्वागत है आगत का
नव हो प्रभात
उज्जवल गात
तरु नव, नव पल्लव
नव हो साँझ नव रात
निर्झर सी हंसी प्रफुल्लित ललाट
प्रेम रस पगा हो जीवन
दुःख न आये पास
आओ हिलमिल करें प्रार्थना
सुखमय हो सबका जीवन
मंगलमय हो नववर्ष नवप्रभात * सतीश एलिया डॉ अपर्णा एलिया
Thursday, December 30, 2010
स्वागत आगत का
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