Thursday, December 30, 2010

स्वागत है आगत का

स्वागत है आगत का
नव हो प्रभात
उज्जवल गात
तरु नव, नव पल्लव
नव हो साँझ नव रात
निर्झर सी हंसी प्रफुल्लित ललाट
प्रेम रस पगा हो जीवन
दुःख न आये पास
आओ हिलमिल करें प्रार्थना
सुखमय हो सबका जीवन
मंगलमय हो नववर्ष नवप्रभात * सतीश एलिया डॉ अपर्णा एलिया

स्वागत आगत का

स्वागत है आगत का
नव हो प्रभात
उज्जवल गात
तरु नव, नव पल्लव
नव हो साँझ नव रात
निर्झर सी हंसी प्रफुल्लित ललाट
प्रेम रस पगा हो जीवन
दुःख न आये पास
आओ हिलमिल करें प्रार्थना
सुखमय हो सबका जीवन
मंगलमय हो नववर्ष नवप्रभात


* सतीश एलिया डॉ अपर्णा एलिया

Tuesday, February 9, 2010

फागुन आयो री


इन दिनों भोपाल पलाश खिल रहा है मेरे घर के सामने खिले पलाश का नज़ारा मैंने खास आपके लिए अपने केमरे में क़ैद किया