स्वागत है आगत का नव हो प्रभात उज्जवल गात तरु नव, नव पल्लव नव हो साँझ नव रात निर्झर सी हंसी प्रफुल्लित ललाट प्रेम रस पगा हो जीवन दुःख न आये पास आओ हिलमिल करें प्रार्थना सुखमय हो सबका जीवन मंगलमय हो नववर्ष नवप्रभात * सतीश एलिया डॉ अपर्णा एलिया
स्वागत है आगत का नव हो प्रभात उज्जवल गात तरु नव, नव पल्लव नव हो साँझ नव रात निर्झर सी हंसी प्रफुल्लित ललाट प्रेम रस पगा हो जीवन दुःख न आये पास आओ हिलमिल करें प्रार्थना सुखमय हो सबका जीवन मंगलमय हो नववर्ष नवप्रभात